सैकड़ों गीदड़ों के लिए एक शेर ही ग़नीमत है। लोकोक्तियों की कविता - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 25 अप्रैल 2024

सैकड़ों गीदड़ों के लिए एक शेर ही ग़नीमत है। लोकोक्तियों की कविता


मुर्गा अपने दड़बे पर बड़ा दिलेर होता है
अपनी गली का कुत्ता भी शेर होता है

दुष्ट लोग क्षमा नहीं दंड के भागी होते हैं
लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं

हज़ार कौओं को भगाने हेतु एक पत्थर बहुत है
सैकड़ों गीदड़ों के लिए एक शेर ही ग़नीमत है

बुराई को सिर उठाते ही कुचल देना चाहिए
चोर को पकड़ने के लिए चोर लगाना चाहिए

कायर भेड़िए की खाल में मिलते हैं
डरपोक कुत्ते सबसे तेज़ भौंकते हैं

...कविता रावत