उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है

सोए हुए भेड़िए के मुँह में मेमने अपने आप नहीं चले जाते हैं।
भुने   हुए   कबूतर   हवा   में  उड़ते  हुए  नहीं  पाए  जाते  हैं।।

सोई लोमड़ी के मुँह में मुर्गी अपने-आप नहीं चली जाती है।
कोई  नाशपाती बन्द मुँह  में  अपने  आप  नहीं  गिरती है।।

गिरी  खाने  के लिए अखरोट को तोड़ना पड़ता है।
मछलियाँ पकड़ने के लिए जाल बुनना पड़ता है।।

मैदान  का नजारा देखने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है।
परिश्रम में कोई कमी न हो तो कुछ भी कठिन नहीं होता है।।

एक जगह मछली न मिले तो दूसरी जगह ढूँढ़ना पड़ता है।
उद्यम   से   सब   कुछ   प्राप्त   किया   जा   सकता  है।।

... कविता रावत 

23 टिप्‍पणियां:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मंजिल पाने के लिए कदम तो उठाना ही पड़ेगा

Manoj Kumar ने कहा…

प्रेरक रचना !

Unknown ने कहा…

बिना परिश्रम कुछ नहीं मिलता ...................बहुत बहुत अच्छी कविता है

nayee dunia ने कहा…

bahut sundar baat ki hai aapne....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (19-12-2015) को "सुबह का इंतज़ार" (चर्चा अंक-2195) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Yogi Saraswat ने कहा…

मैदान का नजारा देखने के लिए पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है।
परिश्रम में कोई कमी न हो तो कुछ भी कठिन नहीं होता है।।

एक जगह मछली न मिले तो दूसरी जगह ढूँढ़ना पड़ता है।
उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।।
प्रेरित करते सार्थक शब्द कविता जी ! बधाई आपको

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत सार्थक रचना है कविता जी.

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

प्रयासरत रहना ही जीवन है।

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर .
नई पोस्ट : क्या बोले मन

Onkar ने कहा…

सही कहा

Madhulika Patel ने कहा…

बहुत प्रेरक रचना । बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता ।

जमशेद आज़मी ने कहा…

बहुत बहुत शानदार रचना की प्रस्‍तुति। इस रचना की जितनी तारीफ की जाए कम है। बहुत ही उम्‍दा।

नीलिमा शर्मा Neelima Sharma ने कहा…

शानदार रचना की प्रस्‍तुति।मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत ख़ूब

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

सत्य को बयां करती प्रस्तुति...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

प्रेरक और सार्थक संदेश देती रचना ।

शुभा ने कहा…

प्रेरक रचना ।

शुभा ने कहा…

प्रेरक रचना ।

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

हौसला देती रचना

Sudershan Ratnakar ने कहा…

प्रेरक रचना।

सदा ने कहा…

Prernatmk prastuti.......

Asha Joglekar ने कहा…

सुंदर। उद्य़मेन ही सिध्दंति कार्याणि न मनोरथै।

Code With Random ने कहा…

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