अब मैं वह दिल की धड़कन कहाँ से लाऊंगा। Mother's day - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शनिवार, 11 मई 2024

अब मैं वह दिल की धड़कन कहाँ से लाऊंगा। Mother's day

 


जब-जब भी मैं तेरे पास आया

तू अक्सर मिली मुझे छत के एक कोने में

चटाई या फिर कुर्सी में बैठी

बडे़ आराम से हुक्का गुड़गुड़ाते हुए

तेरे हुक्के की गुड़गुड़ाहट सुन 

मैं दबे पांव सीढ़ियां चढ़कर 

तुझे चौंकाने तेरे पास पहुंचना चाहता

उससे पहले ही तू उल्टा मुझे छक्का देती 

मेरे कहने पर कि-

'तू तो देखती-सुनती कम है

फिर तुझे कैसे पता चला'

तू मुझे बतियाती-

बेटा, 'एक मां की भले ही नजर कमजोर पड़ जाए

लेकिन उसकी दिल की धड़कन कभी कमजोर नहीं पड़ती

उसे आंख-कान से देखने-सुनने की जरुरत नहीं पड़ती' 


अब मैं वह दिल की धड़कन कहां से लाऊंगा!

कभी एक-दो दिन बात करना भूल क्या जाता मैं कि

तुझे होने लगती थी मेरी भारी चिंता 

और तू शिकायत के साथ फोन मिलाती मुझे

फिर पूछने बैठती-

'क्यों, क्या, सब ठीक तो है, मुझे बड़ी चिंता हो रही है'

ऐसे जाने कितने ही सवाल एक साथ दाग देती

मैं चुपचाप सुनकर तुझसे कहता-

'तू हमारी नहीं अपनी चिन्ता किया कर

तू हमारी चिन्ता करके क्या करेगी?'

मेरे यह कहने पर तू मुझे समझाती-

'बेटा, मां हूं न इसीलिए सबकी चिंता-फिकर करती हूं'


अब मुझे वह चिन्ता- फ़िक्र करने वाला कहां मिलेगा!


स्‍वर्गवासी माँ के लिए बेटे की पुकार 

.....कविता रावत 



18 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (29-11-2020) को  "असम्भव कुछ भी नहीं"  (चर्चा अंक-3900)   पर भी होगी। 
-- 
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
--   
सादर नमन।  
--
सादर...! 
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
--

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर। नमन।

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल ने कहा…

एक मां की भले ही नजर कमजोर पड़ जाए

लेकिन उसकी दिल की धड़कन कभी कमजोर नहीं पड़ती

उसे आंख-कान से देखने-सुनने की जरुरत नहीं पड़ती' मर्मस्पर्शी व प्रभावशाली लेखन।

आलोक सिन्हा ने कहा…

मन को भीतर तक भिगो देने वाली रचना

रेणु ने कहा…

बहुत दुःखद खबर है कविता जी। माँ का जाना और मातृ सत्ता की छाँव से अचानक वंचित हो जाना जीवन का सबसे मर्मांतक आघात है। एक बेटे के बिलखते उद्गार आँखों के साथमन को भीतर तक नम कर गए। एक बहु के लिए भी सास का जाना एक अपूर्णीय क्षति है। मेरी हार्दिक संवेदनाओं के साथ दिवंगत माँ की पुण्य स्मृति को सादर नमन। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में जगह दे🙏🙏 सादर

Anita ने कहा…

माँ की भावनाओं को व्यक्त करती बहुत मार्मिक रचना, दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि

Jyoti Dehliwal ने कहा…

माँ आखिर माँ होती है। उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता। बहुत सुंदर।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

मेरी संवेदनाएं साथ हैं आदरणीया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

MANOJ KAYAL ने कहा…

दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

माँ के लिए बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है. हर माँ ऐसी ही होती है. माताजी को हार्दिक श्रधांजलि.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत मार्मिक ... माँ नहीं हो कर ही सब के साथ होती है ... उसका जाना दर्द का एहसास तो देता है ... उसकी कमी हमेशा हमेशा रहती है, वो बातें सदा साथ् रहती हैं ... पर माँ कहीं नहीं जाती ... मेरी श्रद्धांजलि माँ को ... नमन उनके श्री चरणों में ...

विशाल सिंह (Vishaal Singh) ने कहा…

अत्यंत हृदयस्पर्शी एवं मार्मिक रचना... ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करे... हार्दिक नमन् एवं श्रद्धांजलि...।

Vocal Baba ने कहा…

बहुत ही मार्मिक रचना। मां ऐसी ही होती है।

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

आपकी हृदय स्पर्शी रचना ने मन को द्रवित कर दिया..माँ का स्नेह ही इतना अपनत्व और प्रेम से भरा होता है कि उसकी जगह कोई नहीं ले सकता..मेरी संवेदनाएं आपके और परिवार के साथ हैं..सादर नमन सहित विनम्र श्रद्धांजलि ..।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

कोमल भावनाओं से ओतप्रोत हृदयस्पर्शी .... - डॉ. शरद सिंह

संजय भास्‍कर ने कहा…

मन को द्रवित कर दिया

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

मेरी संवेदनाए आपके साथ। मर्मस्पर्शी पंक्तियां।

Harash Mahajan ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन भावुक रचना ।