हमेशा के डर से उससे एक बार गुजर जाना भला - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

हमेशा के डर से उससे एक बार गुजर जाना भला

गर्म पानी से झुलसा कुत्ता ठण्डे पानी से भी डरता है
चूने से मुँह जले वाले को दही देखकर डर लगता है

रीछ से डरा आदमी कंबल वाले को देख डर जाता है
दूध का जला छाछ को फूँक-फूँक कर पीता है

ईश्वर से न डरने वाले से सभी को डर लगता है
आग में झुलसा हुआ बच्चा आग से डरता है

जिससे बचना मुश्किल हो, उससे मूर्खता है डरना
कल क्या हो यह सोचकर आज क्यों डर के रहना

दुष्ट को क्षमा नहीं डर दिखाकर बस में करना भला
हमेशा के डर से उससे एक बार गुजर जाना भला