दुष्ट प्रवृत्ति वालों को उजाले से नफरत होती है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 30 सितंबर 2010

दुष्ट प्रवृत्ति वालों को उजाले से नफरत होती है

एक जगह पहुंचकर अच्छे और बुरे में बहुत कम दूरी रह जाती है
इने-गिने लोगों की दुष्टता सब लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है !

दुष्ट प्रवृत्ति वालों को उजाले से नफरत होती है
हर हिंसा सबसे पहले गरीब का घर उजाडती है!

चूने से मुहँ जल जाने पर दही देखकर  डर लगता है
एक बार डंक लगने पर आदमी दुगुना चौकन्ना हो जाता है !

जिसका जहाज डूब चुका हो वह हर समुद्र से खौफ़ खाता है
जो शेर पर सवार हो उसे नीचे उतरने में डर लगता है!

वक्त से एक टांका लें तो बाद में नौ टाँके नहीं लगाने पड़ते हैं
खेल ख़त्म तो बादशाह और प्यादा एक ही डिब्बे में बंद हो जाते हैं!

अपनी मोमबत्ती को नुक्सान पहुंचाएं बिना दूसरे की मोमबत्ती जलाई जा सकती है
छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख लें तो बड़ी-बड़ी बातें अपना ध्यान स्वयं रख लेती हैं!

                    ..कविता रावत