विवशता में फायदे का सौदा नहीं किया जा सकता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 30 जनवरी 2014

विवशता में फायदे का सौदा नहीं किया जा सकता है

विवशता की हालत में कोई नियम लागू नहीं होता है।
कीचड़ में फँसे हाथी को कौआ भी चोंच मारता है।।

कुँए में गिरे शेर को बंदर भी आँखें दिखाता है।
उखड़े हुए पेड़ पर हर कोई कुल्हाड़ी मारता है।।

मुसीबत में फँसा शेर भी लोमड़ी बन जाता है।
मजबूरी के आगे किसी का जोर नहीं चलता है।।

विवशता नई सूझ-बूझ को जन्म देती है।
विवशता लोहे के सलाखों को तोड़ सकती है।।

विवशता में ईमानदार भी धूर्त  बन जाता है।
विवशता कायर को भी शूरवीर बना सकता है।।

जरूरत पड़ने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
विवशता में फायदे का सौदा नहीं किया जा सकता है।।

....  कविता रावत 

20 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जरूरत पड़ने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
विवशता में फायदे का सौदा नहीं किया जा सकता है ...
बहुत खूब लिखा है ... और हकीकत को लिखा है ... सच है की जरूरत पे सब कुछ करना पड़ता है और विवश इन्सान कुछ भी करने को मजबूर होता है ...

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

विवशता नये आविस्कार को भी जन्म देती है।

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

यह विवशता बड़ी ही कष्‍टकारी है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (31-01-2014) को "कैसे नवअंकुर उपजाऊँ..?" (चर्चा मंच-1508) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Vaanbhatt ने कहा…

गधे को बाप बनाना फायदे का सौदा है...विवशता में भी आदमी लाभ-हानि खोज लेता है...

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

विवशता किसी से कुछ भी करा सकता है !
सियासत “आप” की !
नई पोस्ट मौसम (शीत काल )

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

विवशता हर रूप में अलग है .... विचारणीय

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच है, सब लूटने को तत्पर रहते हैं

Maheshwari kaneri ने कहा…

विचारणीय पोस्ट..बहुत बढिया..

vijay ने कहा…

सुन्दर सुन्दर संग्रहणीय रचना ....

RAJ ने कहा…

वह खुशकिस्मत ही होगा जो कभी न कभी जिंदगी में विवशता का शिकार न हुआ हो ....
बहुत बढ़िया.................

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

बिलकुल सटीक कहा कविता जी आपने। जीवन का कटु सत्य है यह।

Ankur Anand ने कहा…

sundar rachna !

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर !

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

विवशता नई सूझ-बूझ को जन्म देती है।
विवशता लोहे के सलाखों को तोड़ सकती है।। 100% sahmat hoon ...sacche mayne me vivashta hmari dost hai .....

संजय भास्‍कर ने कहा…

जरूरत पड़ने पर गधे को भी बाप बनाना पड़ता है।
विवशता में फायदे का सौदा नहीं किया जा सकता है ...
......................बहुत खूब हकीकत को लिखा है कविता जी आपने

saurabhratna ने कहा…

बहुत खूब
सटीक प्रस्तुति.....

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

सटीक बातें. शुभकामनाएँ.

Jyoti khare ने कहा…

विचारपूर्ण
वाह !! बहुत सुंदर
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई ----

आग्रह है--
वाह !! बसंत--------

Pawan Kumar ने कहा…

You have shown the different facets of Helplessness very vividly and beautifully. This is the maturity of mind. Regards.