राष्ट्रीय त्यौहारों में गणतंत्र दिवस का विशेष महत्व है। यह दिवस हमारा अत्यन्त लोकप्रिय राष्ट्रीय पर्व है, जो प्रतिवर्ष आकर हमें हमारी प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली का भान कराता है। स्वतंत्रता के बाद भारतीयों के गौरव को स्थिर रखने के लिए डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में देश के गणमान्य नेताओं द्वारा निर्मित विधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। संविधान में देश के समस्त नागरिकों को समान अधिकार दिए गए। भारत को गणतंत्र घोषित किया गया। इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस कहा जाता है। देश की राजधानी दिल्ली में यह समारोह विशेष उत्साह से मनाया जाता है।
विविधाओं से भरे हमारे देश में जाति, धर्म, भाषा, भौगोलिक परिस्थितियों की भिन्नता के बावजूद एक ऐसी मजबूत कड़ी है, जो हम सबको आपस में जोड़े रखती है, वह है हम सबके भारतवासी होनी की और इस भारतीय होने की खुशी को प्रकट करने के सबसे अच्छे अवसर हैं, हमारे राष्ट्रीय त्यौहार। बावजूद अन्य त्यौहार जैसे होली, दीवाली, विजयादशमी, ईद, क्रिसमस, लोहड़ी, पोंगल, ओणम आदि के अवसर पर जैसा हर्षोल्लास व अपनापन देखने को मिलता है, वैसा जब हमारे राष्ट्रीय त्यौहारों पर दिखाई नहीं देता है तब मन में मलाल रह जाता है। लगता है हमने हमारे राष्ट्रीय त्यौहार जैसे-गांधी जयंती, स्वतंत्रता दिवस अथवा गणतंत्र दिवस को केवल सरकारी आयोजन मान लिया है, जो हमारे लिए मात्र एक अवकाश भर से और अधिक कुछ भी नहीं? यदि ऐसा नहीं तो फिर जब हम अंग्रेजी न्यू ईयर, फ्रेंडस डे, वेलेन्टाईन डे यहाँ तक कि शादी-ब्याह की वर्षगांठ को भी धूमधाम से मना सकते हैं तो फिर राष्ट्रीय त्यौहारों पर बेरूखी क्यों? आइए, इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम सभी राष्ट्रीय त्यौहारों को मात्र शासकीय आयोजन तक ही सीमित न रखते हुए अपने घर-आंगन व दिलों में उतारकर उसे सम्पूर्ण देश को जोड़ने की एक उत्सवमयी शुरूआत करें।
राष्ट्रीय त्यौहार हमें जाति, धर्म, भाषा, भौगोलिक परिस्थितियों से परे एक सूत्र में बांधने में सहायक हैं। सामूहिक स्तर पर प्रेमभाव से इन्हें मनाने से राष्ट्रीय स्तर पर भावनात्मक एकता को विशेष प्रेरणा और बल मिलता रहे इसके लिए हम सभी अपने-अपने घरों में वंदनवार लगायें, दीपों से सजायें, तिरंगा फहराये, रंगोली बनायें, पकवान बनायें, अपने-अपने कार्यस्थलों व मोहल्लों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करें। अपने धार्मिक स्थलों मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा आदि में देश की एकता, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें। मातृ-भूमि के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावार कर देने वाले अमर वीर सपूतों को सारे भेदभाव भुलाकर एक विशाल कुटुम्ब के सदस्य बनकर याद करें।
आइए, समस्त भारतवासी इस गणतंत्र दिवस को संकल्प लें कि देश का हर घर और हर धार्मिक स्थल को सारे भेद-भावों से ऊपर उठकर दीप-मालाओं की रोशनी से जगमगायेंगे और दुनिया को गर्व से बतायेंगे कि हम सब कई भिन्नताओं के बावजूद भी एक हैं। हमारा यह दृढ़ संकल्प ही मातृ भूमि के लिए जाति, धर्म, वर्ण, भाषा एवं क्षेत्रीयता की भावनाओं से ऊपर उठकर देश को सर्वोपरि मानते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर वीर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आइए, समस्त भारतवासी इस गणतंत्र दिवस को संकल्प लें कि देश का हर घर और हर धार्मिक स्थल को सारे भेद-भावों से ऊपर उठकर दीप-मालाओं की रोशनी से जगमगायेंगे और दुनिया को गर्व से बतायेंगे कि हम सब कई भिन्नताओं के बावजूद भी एक हैं। हमारा यह दृढ़ संकल्प ही मातृ भूमि के लिए जाति, धर्म, वर्ण, भाषा एवं क्षेत्रीयता की भावनाओं से ऊपर उठकर देश को सर्वोपरि मानते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर वीर सपूतों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित - जय हिन्द, जय भारत!!
20 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर आलेख!!! बधाई और आभार!!!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (26-01-2018) को "गणचन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक-2860) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
गणतन्त्र दिवस की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
राष्ट्रीय एकता और हित सर्वोपरि हैं।
नव जागरण सराहनीय है
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!!!!
जय हिन्द!!!!
आलेख मे गहराई है चिन्तन की
सराहनीय आलेख
सादर
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना सोमवार २६जनवरी २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सुन्दर आलेख
ऐसे त्योहार निरंतरता बनाए रखने का साधन भी होते हैं ... राष्ट्र एक है समाज एक है हमारे त्योहार एक हैं ... देश की एकता अखंडता के लिए राष्ट्र के स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस अपना अलग महत्व रखते हैं और इसे संकल्प के रूप में।मनाना चाहिए ...
आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'शुक्रवार' २६ जनवरी २०१८ को लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
बहुत खूब...
सरकारी आयोजन मात्र न रहने दें राष्ट्रीय त्योहारों को...
इन्हें भी बढ चढ कर मनाना चाहिए..
बहुत सुन्दर...
गहरे चिंतन से भरे इस सार्थक लेख के लिए आपको हार्दिक बधाई और आभार आदरणीय कविता जी |
काश की एसा हो पता ..आमीन
बहुत सुंदर प्रस्तुति.
सुन्दर ...सार्थक प्रस्तुति ...बधाई !
बहुत सार्थक पोस्ट लिखी आपने, गणतंत्र दिवस पर हमें अपने अधिकार नहीं कर्तव्यों का स्मरण करना चाहिए ... जय हिन्द
सार्थक और सच्चाई को उजगार करता तथ्यपरक आलेख
शुभकामनाएँ
सादर
http://www.kavitarawat.in/2018/01/blog-post_25.html
धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहारों में तो हम जाति, धर्म, संप्रदाय के दायरों में कैद हो जाते हैं किंतु राष्ट्रीय त्योहार तो हमें स्वतंत्र करते हैं, हमें जोड़ते हैं। यही मौके हैं जब हम भावी पीढ़ी के मन में राष्ट्रीयता के बीज बो सकते हैं। जनजागृति का संदेश देता सटीक आलेख है आपका । सादर ।
इसे तो अभियान की तरह अपनाना चाहिये।
राष्ट्र हित निज हित है ये सभी को समझना ज़रूरी है ...
गणतंत्र से हमारी पहचान है ...
बधाई ...
We are urgently in need of KlDNEY donors for the sum
of $500,000.00 USD,(3 CRORE INDIA RUPEES) All donors
are to reply via the sum of $500,000.00 USD, Email
for more details: Email: healthc976@gmail.com
एक टिप्पणी भेजें