सुन्दर वस्त्र पहनकर नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

सुन्दर वस्त्र पहनकर नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला


बुरे संग प्रार्थना करने से भले लोगों संग मिलकर डाका डालना भला
सुन्दर वस्त्र पहनकर नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला

बेडौल लोहे को हथौड़े से पीट-पीटकर सीधा करना पड़ता है
शेर की मांद में घुसने वाला ही उसका बच्चा पकड़ सकता है

बूढ़ा भेड़िया जोर की चीख-पुकार सुन कभी नहीं डरता है
शेर के दांत टूट जाने पर भी वह गरजना नहीं भूलता है

कोई भी बुराई अपनी सीमा के भीतर नहीं रहती है
बुराई काम चलताऊ लेकिन अच्छाई सदा फलती है

धीरे-धीरे और लगातार आगे बढ़ने वाले दौड़ में जीत जाते हैं
आशा के साथ जीने वाले दुःख की घड़ियों में भी मुस्कुराते हैं

बुराई से बुराई लड़े तो समझो उसका अंत बहुत निकट रहता है
बहुत लोगों को डराकर रखने वाला भी बहुत लोगों से डरता है

.... कविता रावत