कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता है



आदमी काम से नहीं चिन्ता से जल्दी मरता है 

गधा दूसरों की चिन्ता से अपनी जान गंवाता है

धन-सम्पदा चिन्ता और भय अपने साथ लाती है 

धीरे-धीरे कई चीजें पकती तो कई सड़ जाती है

विपत्ति के साथ आदमी में सामर्थ्य भी आता है

सावधानी के कारण आत्मविश्वास आ जाता है

लगातार प्रहार से मजबूत पेड़ भी गिर जाता है

रेत पर नहीं पत्थर पर लिखा चिरस्थायी होता है

आग से खेलने वालों के हाथ राख ही लगती है

ईश्वर की चक्की धीरे-धीरे पर महीन पीसती है

हर बात पर संदेह करने वाला कुछ भी नहीं कर पाता है 

दो काम एक साथ हाथ में लेने वाला बाद में पछताता है

अपराधी को दंड न मिले तो अपराधों को बढ़ावा मिलता है

मृदु भाषा में दिया गया आदेश बहुत शक्तिशाली होता है

एक मार्ग बंद होने पर ईश्वर हजार मार्ग दिखलाता है 

कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता है


....कविता रावत 

13 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज मंगलवार 26 अक्टूबर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है....  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

अनेक सूक्तियों को एक साथ आपने प्रस्तुत किया है, अच्छा किया है आपने। ये सूक्तियां सर्वमान्य हैं तथा शताब्दियों से हम इन्हें सुनते आ रहे हैं। जीवन के अनुभवों से निकलकर (एवं अभी भी निकलते हुए) आने वाला मेरा अनुभव यह कहता है कि इनमें से कुछ की सत्यता संदिग्ध है तथा ये केवल आदर्शों की स्थापना करने एवं निष्पाप व विश्वासी बालकों को उनका ज्ञान करवाने हेतु प्रचारित की गई थीं। किन्तु आदर्श की विशेषता ही यही है कि वह यथार्थ से भिन्न होते हुए भी पूजनीय होता है। अभिनन्दन आपका।

Manisha Goswami ने कहा…

आदमी काम से नहीं चिन्ता से जल्दी मरता है
गधा दूसरों की चिन्ता से अपनी जान गंवाता है
धन-सम्पदा चिन्ता और भय अपने साथ लाती है
धीरे-धीरे कई चीजें पकती तो कई सड़ जाती है
विपत्ति के साथ आदमी में सामर्थ्य भी आता है
सावधानी के कारण आत्मविश्वास आ जाता है

बहुत उम्दा सृजन!
आपने बहुत सही बात कही रचना के जरिए!
कुत्ते के भौकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता! बिल्कुल सही! कुत्ते भौंकते रहते हैं और हाथी अपने चाल में मस्त रहता है😊

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-10-2021) को चर्चा मंच         "कलम ! न तू, उनकी जय बोल"     (चर्चा अंक4229)       पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

Jyoti Dehliwal ने कहा…

मुहावरों का बहुत सुंदर संकलन।

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

बहुत ही सुंदर ज्ञानवर्धक सूक्तियों से सुशोभित सृजन।

अनीता सैनी ने कहा…

वाह!बहुत बढ़िया 👌
हार्दिक आभार दी पढ़वाने हेतु।
सादर

मन की वीणा ने कहा…

शानदार quotes हर समय की सार्थक उक्तियां।
बधाई।

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

उक्तियो के कन्धे मजबूत हो गये।

Madhulika Patel ने कहा…

ईश्वर की चक्की धीरे-धीरे पर महीन पीसती है
हर बात पर संदेह करने वाला कुछ भी नहीं कर पाता है,,,,,, बहुत सुंदर संकलन है बिलकुल सही कहा गया है ।

MANOJ KAYAL ने कहा…

बहुत सुंदर ज्ञानवर्धक सृजन

Nitish Tiwary ने कहा…

बहुत शानदार।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

काम आने वाली सूक्तियो की तरह बखूबी लिखा है इन जीवन मन्त्रों को ...
सच और सिर्फ सच ... इंसान अगर इनको सोच समझ कर जीवन इनके अनुसार चलाने का प्रयास करे तो सफलता करीब आ सकती है .... बहुत उत्तम ...