मन को पहुँचा कर आघात
वे अक्सर पूछ लेते हैं हाल हमारा
'कैसे हो'
मृदुल कंठ से
दिल कचोट जाने वाली
कुटिल भावना के साथ
यकायक मन में मच जाती तीव्र हलचल
शांत मन में जैसे आ गया हो तूफां
अशांति का तांडव मच जाता
जैसे उफनती नदी का शोर कल-कल, छल-छल
शांत मन में कैसी ये उथल-पुथल!
बड़े ही उदार दिखते हैं ऐसे लोग
जो पहले दिल पर वार करते हैं
और फिर अपनापन जताकर
सबकुछ जानते हुए भी
अनजान बनाने का ढोंग कर
बड़ी बेशर्मी से
हाल चाल भी पूछ लेते हैं
धन्य है! उनकी यह धृष्टता
और धिक्कार है उनकी ऐसी उदारता!
Kavita Rawat
16 टिप्पणियां:
मन को पहुँचा कर आघात
वे अक्सर पूछ लेते हैं हाल हमारा
'कैसे हो'
मृदुल कंठ से
दिल कचोट जाने वाली
कुटिल भावना के साथ .........isi kutilta ko log apna raham samajhte hain
yahi chalan hai aaj ka.
katu satya ko udghatit karti maulik rachna
achha laga padhkar
aabhar
shubh kamnayen
aajkal ise hee vyavhar kushalata kee bhee sanghya dee jatee hai .
बहुत अच्छी और सच्ची रचना...बधाई...आपको.
नीरज
सही कहा है आपने। मन की बात रख दी आपंने सुन्दरता के साथ
इस कुटिलता से ही दुनिया चल रही है। ऐसा लगने लगा है कि इसने इतनी तेजी से पैर पसारे हैं कि सब कुछ छोटा लगने लगा है। बधाई।
यह अच्छी कविता है लेकिन भाव के अलावा इसे थोड़ी मेहनत कर कविता केशिल्प मे ढालना होगा ताकि लय और प्रवाह दोनो आ जाये एसे एक बार सस्वर पढ़ो पता चल जायेगा कैसे करना है ।
समाज के स्वार्थी और दो मुँहे चरित्रों को दिगंबर करती धारदार कविता,,,,,,,,,,
बारम्बार बधाई !
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कुछ लोग ऐसे ही होते हैं, बेहतर है किउनको इग्नोर किया जाए।
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स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक।
चार्वाक: जिसे धर्मराज के सामने पीट-पीट कर मार डाला गया।
aaj isi ko pribhashit kar dya gya hai .
जो पहले दिल पर वार करते हैं
और फिर अपनापन जताकर
सबकुछ जानते हुए भी
अनजान बनाने का ढोंग कर
बड़ी बेशर्मी से
हाल चाल भी पूछ लेते हैं
धन्य है! उनकी यह ध्रष्टता
और धिकार है उनकी ऐसी उदारता
बिलकुल सही कहा है ये दुनिया सच मे ऐसी ही है बहुत अच्छी कविता है बधाई
कुटिलता पर करारी चोट. सच को दर्शाती बहुत बहुत सुंदर रचना. बधाई.
कविता जी
मेल के लिए आभार।
अंतरमन का गीत वही
जो तुम भी गाओ
हम भी गाएं
कुछ पीड़ा अधूरी है
तुम सुनो मगर
हम कह न पाएं
सूर्यकांत
बेहतर ढ़ंग से आपने अपने मन की बात कही।
सुन्दर कवितायें बार-बार पढने पर मजबूर कर देती हैं. आपकी कवितायें उन्ही सुन्दर कविताओं में हैं.
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