उच्च विचार जिनके साथ रहते हैं वे कभी अकेले नहीं रहते हैं
एक जैसे पंखों वाले पंछी एक साथ उड़ा करते हैं
हंस-हंस के साथ और बाज को बाज के साथ देखा जाता है
अकेला आदमी या तो दरिंदा या फिर फ़रिश्ता होता है
तीन से भीड़ और दो के मिलने से साथ बनता है
आदमी को उसकी संगति से पहचाना जाता है
बिगडैल साथ भली गाय चली को बराबर मार पड़ती है
साझे की हंडिया अक्सर चौराहे पर फूटती है
सूखी लकड़ी के साथ-साथ गीली भी जल जाती है
और गुलाबों के साथ-साथ काँटों की भी सिंचाई हो जाती है
हँसमुख साथ मिल जाय तो सुनसान रास्ता भी आराम से कट जाता है
अच्छा साथ मिल जाने पर कोई रास्ता लम्बा नहीं रह जाता है
शिकारी पक्षी कभी एक साथ मिलकर नहीं उड़ा करते हैं
जो भेड़ियों की संगति में रहते हैं, वे गुर्राना सीख जाते हैं
..........कविता रावत
49 टिप्पणियां:
...सुन्दर रचना !!
अकेला आदमी या तो दरिंदा या फिर फ़रिश्ता होता है
क्या बात कही आपने एकदम सही
बहुत सुन्दर
sahi kaha kavita ji...sangat hi gun hot hai...sangat hi gun jaat...
बेहतरीन रचना ......
संसार रूपी कटु-वृक्ष के केवल दो फल ही अमृत के समान हैं ; पहला, सुभाषितों का रसास्वाद और दूसरा, अच्छे लोगों की संगति ।
सामयिक और सटीक रचना । आजकल ब्लागिंग में कुछ गड़बड़ हो रहा है ।
Kavita jee...........ye to updesh jaisa lag raha hai...:)
waise aap achchha likhte ho......no doubts...!
"अकेला आदमी या तो दरिंदा या फिर फ़रिश्ता होता है
गुलाबों के साथ-साथ काँटों की भी सिंचाई हो जाती है
जो भेड़ियों की संगति में रहते हैं, वे गुराना सीख जाते हैं"
बहुत पसंद आये !
शायर,सिन्ह और सपूत एकले ही चलते हैं, झुण्ड में नहीं। उनकी संगति विरली ही होती है, विरले के साथ।
बिगडैल साथ भली गाय चली को बराबर मार पड़ती है
साझे की हंडिया अक्सर चौराहे पर फूटती है
सूखी लकड़ी के साथ-साथ गीली भी जल जाती है
और गुलाबों के साथ-साथ काँटों की भी सिंचाई हो जाती है
sundar aur sarthak lekhan.
जाड्यं धियो हरति सिञ्चति वाचि सत्यं.......,
आपकी रचना प्रेरक एवँ उत्तम समाज की निधि है ।
अच्छी सीख देती रचना...बढ़िया है!
कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
ग़ज़ल
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा ख़ुदा देगा ।
मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिफ़ है
क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा ।
ज़िन्दगी को क़रीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रूला देगा ।
हमसे पूछो दोस्त क्या सिला देगा
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा ।
इश्क़ का ज़हर पी लिया ‘फ़ाक़िर‘
अब मसीहा भी क्या दवा देगा ।
http://vedquran.blogspot.com/2010/05/hell-n-heaven-in-holy-scriptures.html
bahut sundar!
अच्छी प्रस्तुति है।
बहुत ही सुन्दर व लाजवाब प्रस्तुति ।
शिक्षाप्रद और बेहतरीन ....भाव .......बहुत खूब
बहुत ज्ञानवर्धक बातें ।
शुक्रिया कविता जी ।
साझे की हंडिया अक्सर चौराहे पर फूटती है
सूखी लकड़ी के साथ-साथ गीली भी जल जाती है
और गुलाबों के साथ-साथ काँटों की भी सिंचाई हो जाती है
संदेशात्मक रचना...सटीक
अच्छा उपयोगी संकलन, लयबद्ध बुद्धिमत्ता वचन।
वाह ! बहुत ही अच्छी लगी कविता खासकर ये लाइनें -
-अकेला आदमी या तो दरिंदा या फिर फ़रिश्ता होता है
-शिकारी पक्षी कभी एक साथ मिलकर नहीं उड़ा करते हैं
जो भेड़ियों की संगति में रहते हैं, वे गुराना सीख जाते हैं
अकेला आदमी या तो दरिंदा या फिर फ़रिश्ता होता है ....
achchi prastuti...ghyan vardhak post...
अच्छी सीख
इसी लिए कहा है-
कबीरा संगत साधु की हरै और की ब्याधि.
संगत बुरी असाधु की आठों पहर उपाध
अतिउत्तम
जो भेड़ियों की संगत में रहते हैं गुर्राना सीख जाते हैं.. पर ये भी है कि 'चन्दन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग..' अच्छे भाव..
kavita ji bahut achchi prastuti haiaapki. kabile tareef
कोई अकेला कभी नही होता जो साथ मे है उसे देखने की फुर्सत किसको ?
कोई अकेला कभी नही होता जो साथ मे है उसे देखने की फुर्सत किसको ?
Uncha vichaar hi to insaan ki pahchaan hai ... achhe vichaar rakhne waon ka saath har koi chahta hai ....
bahut khub...atisundar
kavita ji mere blog 'gaurtalab'par aane ka bahut bahut shukriya!
आज तो बहुत कुछ कह डाला एक ही पोस्ट में, एक साफ़ सुथरा आईना दिखा गयी ये पोस्ट बधाई
संगति के प्रभाव को उजागर करती शानदार रचना।
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क्या हमें ब्लॉग संरक्षक की ज़रूरत है?
नारीवाद के विरोध में खाप पंचायतों का वैज्ञानिक अस्त्र।
bhty khoob.........kya khoob likhte ho...bda achha likhte ho...
बहुत सुन्दर सन्देश..सार्थक रचना..बधाई.
____________________________
'शब्द-शिखर' पर- ब्लागिंग का 'जलजला'..जरा सोचिये !!
बहुत ही सुन्दर और लाजवाब रचना! बधाई!
sone see kharee baate .....
Please aap is topic par muje ek निबंध likhkar bjejo skate ho.
जीवन की विसंगतियाँ और प्रेरक सूक्तियों को सहेजती प्रभावोत्पादक रचना जो कहती है संख्या का भी महत्त्व होता है।
जीवन की विसंगतियाँ और प्रेरक सूक्तियों को सहेजती प्रभावोत्पादक रचना जो कहती है संख्या का भी महत्त्व होता है।
अंतिम पंक्ति में एक शब्द "गुराना" प्रकाशित हुआ है। शायद यह प्रचलित शब्द "गुर्राना " का रूप है। यदि उचित हो तो संशोधन कीजियेगा।
अंतिम पंक्ति में एक शब्द "गुराना" प्रकाशित हुआ है। शायद यह प्रचलित शब्द "गुर्राना " का रूप है। यदि उचित हो तो संशोधन कीजियेगा।
बढ़िया।
जी सही कहा आपने प्रचलित शब्द गुर्राना ही है
धन्यवाद!
आप लखनऊ शहर में किसी स्कूल में पढ़ा चुकी है?
मुझे लगता है कि आप शायद मेरे मिडिल स्कूल के गणित के शिक्षक थे!!!
मेरा अंदाज़ा ग़लत हो सकता है..
यदि आप कर सकते हैं तो कृपया स्पष्ट करें!!!
जी नहीं! मेरी कर्मभूमि तो भोपाल ही है, हो सकता है मेरी शक्ल-सूरत आपके मिडिल स्कूल के गणित के शिक्षक से मिलती-जुलती हो
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