हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है। - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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रविवार, 28 अप्रैल 2024

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।


हाथ  में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।
आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।।

एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं।
जल्दी-जल्दी चढ़ने वाले जमीं पर धड़ाम से गिरते हैं।।

छटाँक भर धैर्य सेर भर सूझ-बूझ के बराबर होता है।
जल्दीबाजी में शादी करने वाला फुर्सत में पछताता है।।

उतावलापन बड़े-बड़े मंसूबों को चौपट कर देता है।
धैर्य से विपत्ति को भी वश में किया जा सकता है।।

धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है।।

....कविता रावत