हरेक पैर में एक ही जूता नहीं पहनाया जा सकता है - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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बुधवार, 5 फ़रवरी 2025

हरेक पैर में एक ही जूता नहीं पहनाया जा सकता है

हरेक पैर में एक ही जूता नहीं पहनाया जा सकता है।
हरेक  पैर  के  लिए  अपना  ही जूता ठीक रहता है।।

सभी लकड़ी तीर बनाने के लिए उपयुक्त नहीं रहती है। 
सब   चीजें  सब  लोगों  पर  नहीं  जँचती   है।।

कोई जगह नहीं मनुष्य ही उसकी शोभा बढ़ाता  है। 
बढ़िया कुत्ता बढ़िया हड्डी का हकदार बनता है ।।

एक मनुष्य का भोजन दूसरे के लिए विष हो सकता है ।
सबसे  बढ़िया  सेब को  सूअर  उठा ले  भागता  है।।

शहद गधे को खिलाने की चीज नहीं होती है ।
सोना नहीं गधे को तो घास पसंद आती है ।।

हरेक चाबी हरेक ताले में नहीं लग पाती है ।
हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह होती है ।। 

                            .... कविता रावत  


19 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह होती है

हमारीवाणी ने कहा…

कविता जी, आपके ब्लॉग की तिथि की सेटिंग सही नहीं है, जिसके कारण यह आपकी ब्लॉगपोस्ट की तारिख एक दिन बाद की दिखता है. जैसे इस पोस्ट की प्रकाशन की तिथि 20 नवम्बर दिखाई दे रही है. इस कारण 'हमारीवाणी' पर आपकी पोस्ट से समस्या उत्पन्न होती है, आपसे अनुरोध है कि ब्लॉग की सेटिंग में जाकर चैक करें!

ASHWANI KUMAR ने कहा…

बहुत ही बढ़िया...

vijay ने कहा…

हरेक चाबी हरेक ताले में नहीं लग पाती है ।
हर मनुष्य की अपनी-अपनी जगह होती है ।।
............................................
तभी तो अलग अलग ताले बनते हैं रहते एक जैसे हैं इंसान जैसे ...
बहुत सुन्दर ..............

RAJ ने कहा…

सत्य कथन /........

रचना दीक्षित ने कहा…

सच कहा कविता जी हरेक की अपनी उपयोगिता है.

Unknown ने कहा…

हरेक अपनी जगह पर ही अच्छा लगता है किसी और के नहीं ....................बहुत बहुत बहुत सुन्दर .............

Malti Mishra ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

Malti Mishra ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

जमशेद आज़मी ने कहा…

बहुत ही सुंदर रचना की प्रस्‍तुति।

Rishabh Shukla ने कहा…

​​​​सुन्दर रचना ..........बधाई |
​​​​​​​​आप सभी का स्वागत है मेरे इस #ब्लॉग #हिन्दी #कविता #मंच के नये #पोस्ट #चलोसियासतकरआये पर | ब्लॉग पर आये और अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें |

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राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.

गिरधारी खंकरियाल ने कहा…

सावधान! चोर एक ही चाबी का इस्तेमाल कई तालों में भी कर देते हैं।

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

सबका अपना रोल होता है ,यही दुनिया है !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

सही है, जो जिस जगह के लिए उपयुक्त है उसे वहीं होना चाहिए ।

अच्छी रचना ।

Unknown ने कहा…

बहुत सही बात कही रचना के माध्यम से ।

Unknown ने कहा…

बहुत सही बात कही रचना के माध्यम से ।

Madhulika Patel ने कहा…

आप की शादी की सालगिरह की कविता बहुत सुंदर थी । शादी की सालगिरह पर बहुत बहुत बधाई ।

RITA GUPTA ने कहा…

बहुत सुंदर रचना वाह .