Kavita Rawat Blog, Kahani, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

मंगलवार, 9 जुलाई 2013

हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।

जुलाई 09, 2013 44
धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है। लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है।। एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ़ जाते हैं। जल...
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शनिवार, 22 जून 2013

गुरुवार, 6 जून 2013

शनिवार, 1 जून 2013

शनिवार, 18 मई 2013

रविवार, 12 मई 2013

परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग

मई 12, 2013 36
परशुराम जयंती को निकट आते देख मन मष्तिस्क के स्मृतिपटल से निकलकर रामलीला के कई दृश्य आँखों के सामने चलचित्र की तरह चलने लगते हैं, जिन...
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मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

लोकहित में सानुरोध अपील

अप्रैल 26, 2013 35
हमारे गढ़वाल क्षेत्र का एक करीबी परिवार जो कि गांव में ही रहता है। जो कि गत सप्ताह  दिल्ली स्थित अपने एक निकट सम्बन्धी के विवाह समारोह मे...
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गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

रविवार, 7 अप्रैल 2013

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2013

परीक्षा और बच्चों को पढ़ाने की कला

फ़रवरी 22, 2013 46
संस्कृत में परीक्षा शब्द की व्युत्पत्ति है- 'परितः सर्वतः, ईक्षणं-दर्शनम् एव परीक्षा।'  अर्थात् सभी प्रकार से किसी वस्तु या व्यक्...
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रविवार, 3 फ़रवरी 2013

बुधवार, 23 जनवरी 2013

घुटन

जनवरी 23, 2013 53
आखिर देबू  ने घर से भागने की ठान ली। वह आधी रात को भारी मन से चुपके से उठा और एक थैले में मैले-कुचैले कपड़े-लत्ते ठूंस-ठांसकर घर से चल प...
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शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

गुलाबों के दरबार में कुछ स्मृतियां

जनवरी 11, 2013 47
गुलाब को फूलों के राजा के रूप में यूँ ही नहीं  नवाजा गया है।  मौसम कोई भी हो कड़ाके के गर्मी हो या ठण्ड हर मौसम में राजसी शान-ओ-शौकत और ...
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