मजदूर दिवस पर कविता। सबके करीब सबसे दूर, कितने मजबूर
कविता रावत
अप्रैल 30, 2025
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मजदूर सबके करीब सबसे दूर कितने मजबूर ये मजदूर! कभी बन कर कोल्हू के बैल घूमते रहे गोल-गोल ख्वाबों में रही हरी-भरी घास बंधी रही आस सपने होते...
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