Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona: बाग बगीचे
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।
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गुरुवार, 17 जुलाई 2025

जब उमड़-घुमड़ बरसे बदरा तब मनमोहक बनती डाली-डाली

जुलाई 17, 2025 10
मुरझाये पौधे भी खिल उठते जब उमड़-घुमड़ बरसे पानी। अहा! इन बादलों की देखो अजब-गजब की मनमानी।। देख बरसते बादलों को ऊपर पेड़-पौधे खिल-खिल उठते हैं...
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