उसे तूफानों से टकराना ठीक नहीं - Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
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बुधवार, 25 मई 2022

उसे तूफानों से टकराना ठीक नहीं

कपोल कल्पित कल्पना में जीने वाले 

हकीकत का सामना करने से डरते हैं 

जो हौंसला रखते सागर पार करने की 

वह कभी नदियों में नहीं डूबा करते हैं 


ऊंचाईयों छूने की इच्छा रखते हैं सभी  

पर भला भरसक यत्न कितने करते हैं?

जो राह पकड़ चलते-रहते हैं निरंतर 

वही एक दिन मंजिल तक पहुँचते हैं 


देखकर निर्मल गगन के पंछियों को 

मन जिसका उड़ान भरने लगता है 

पर लगाकर जो उड़ना चाहे आसमां में 

वह जमीं पर भला कैसे चल सकता है? 


आखिर बह रही है हवा किस ओऱ को  

जिसको इसकी रुख की सीख नहीं

हल्का हवा का झौंका ही काफी है   

उसे तूफानों से टकराना ठीक नहीं