अस्सी की आमद, चौरासी खर्च
आया हमारा हिन्दी दिवस
इस हाथ देना, उस हाथ लेना
ईद का चांद कभी न होना
उल्टी पट्टी कभी न पढ़ाना
ऊसर में बीज कभी न होना
ऋण किसी के सिर न मढ़ना
एक हुक्के का बने रहना
ओट में बैठ चोट न करना
औरों के तलवे कभी न चाटना
अंगिया की बखिया कभी न उधेड़ना
अंतःकरण सदा शुद्ध बनाए रखना
... कविता रावत
2 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर रचना
Welcome to my new post....
हर बार की तरह एक अच्छी सीख देती रचना ...
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