मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई || uttarakhandi Geet ||
कविता रावत
अगस्त 29, 2024
भले काचू पाकू रूखु सूखू खैई भले जनि तनि करि घर तू चलैई भले कैका गोरू बकरा चरैई मगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेई यु दारू त घर मा झगड़ा करांद फेफड़...
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