Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

द्वितीय कविता संग्रह। यूं ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटता

फ़रवरी 28, 2022 14
आज सुबह जैसे ही मैं जागी तो मैंने देखा कि मेरे पतिदेव बड़ी उत्सुकता के साथ मेरे सामने खूबसूरत पैकिंग किया हुआ उपहार अपने हाथों में पकड़े हुए ख...
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सोमवार, 24 जनवरी 2022

समीक्षा - कविता रावत का रचना संसार

जनवरी 24, 2022 9
समीक्षक : ब्लॉगर रवि रतलामी  समीक्ष्य कृतियाँ - 1 - होठों पर तैरती मुस्कान 2 - लोक उक्ति में कविता 3 - कुछ भूली-बिसरी यादें 4 - कुछ खट्टे-मी...
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बुधवार, 5 जनवरी 2022

पुस्तक प्रकाशन और समीक्षा

जनवरी 05, 2022 10
हर कोई लिखने वाला दिल से चाहेगा कि यदि उसका लिखा एक पुस्तक के स्वरुप में उसके सामने आ जाय तो वह पल उसके लिए कितना बड़ा सुखकर होगा!  लेकिन यह ...
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शनिवार, 1 जनवरी 2022

ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन

जनवरी 01, 2022 9
मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना सहयोग, त्याग, उदारता से भरे मन परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन बीज सा गलकर...
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रविवार, 19 दिसंबर 2021

ढपली और झुनझुने का गणित | हिन्‍दी कहानी |

दिसंबर 19, 2021 16
गर्मियों के दिन थे। सुबह-सुबह सेठ जी अपने बगीचे में घूमते-घामते ताजी-ताजी हवा का आनन्द उठा रहा थे। फल-फूलों से भरा बगीचा माली की मेहनत की रं...
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मंगलवार, 14 सितंबर 2021

हिन्दी का महोत्सव है हिन्दी दिवस

सितंबर 14, 2021 7
     लो फिर आ गया एक पर्व की तरह हमारा हिन्दी का महोत्सव। हर वर्ष की भांति 14 सितम्बर को हिन्दी चेतना जागृत करने, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

शुक्रवार, 21 मई 2021

कोरोना में घर-परिवार और हाॅस्पिटल का संसार

मई 21, 2021 25
कोरोना की मार झेलकर 10 दिन बाद हाॅस्पिटल से घर पहुंचा तो एक पल को ऐसे लगा जैसे मैंने दूसरी दुनिया में कदम रख लिए हों। गाड़ी से सारा सामान खुद...
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सोमवार, 29 मार्च 2021

अबकी बार होली में कोरोना ने है पकड़ा

मार्च 29, 2021 8
अबकी बार होली में  कोरोना ने है पकड़ा चुराकर सब रंग मेरे अपने रंग में है जकड़ा गले में ठूसी जा रही हैं रंग बिरंगी गोलियां मुंह बांधे उड़ी...
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रविवार, 21 मार्च 2021

मतलबी दुनिया में एक दिन सबका आता है

मार्च 21, 2021 14
 न लालच, गुस्सा न शिकायत  एक समभाव वाला जीव वह भारी मेहनत करने के बाद भी रूखा, सूखा खाकर खुश रहता है  दुनिया भर का अत्याचार सहता है  जुग-जुग...
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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

दो घरों की चिराग होती हैं बेटियाँ

फ़रवरी 20, 2021 33
चिरकाल से लड़कों को घर का चिराग माना जाता है, लेकिन मैं समझती हूँ कि यदि उन्हें घर का चिराग माना जाता है तो मेरे समझ से वे केवल एक घर के ही ह...
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शनिवार, 30 जनवरी 2021

सर्दी में सबको प्यारी लगती धूप

जनवरी 30, 2021 25
सर्दी में सबको प्यारी लगती  धूप           देखो बिल्ली मौसी क्या पसरी खूब!  धूप में छिपा है इसकी सेहत का राज          बड़े मजे में है मत जाना ...
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मंगलवार, 19 जनवरी 2021

जब शेर पिंजरे में बन्द हो तो कुत्ते भी उसे नीचा दिखाते हैं

जनवरी 19, 2021 18
जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है तभी वह बूढ़ा होने लगता है बुढ़ापा मनुष्य के चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं   जितनी उसके मन पर डाल देता है अनुभव से...
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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

बस हैप्पी न्यू ईयर बोल

दिसंबर 31, 2020 20
एक निश्चित दूरी है बहुत जरूरी देखो! उन कुकुरों को  जो जब तक एक-दूजे को देख गुर्रा-धमकाकर रास्ता नाप लेते हैं तक तक वे सुरक्षित रहते हैं लेकि...
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शनिवार, 7 नवंबर 2020

व्रतों और मौसम के बीच सन्तुलन

नवंबर 07, 2020 4
  सभी धर्मावलम्बी, किसी न किसी रूप में वर्ष में कभी न कभी उपवास अवश्य रखते हैं। इससे भले ही उनकी जीवनी-शक्ति का जागरण न होता होगा किन्तु धार...
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रविवार, 20 सितंबर 2020

चलते रहते हैं हम सब अपनी राहों में

सितंबर 20, 2020 18
चलते रहते हैं हम सब अपनी राहों में जो जाते हैं हमारे लक्ष्य तक चलते-चलते हम गिरगें और उठेंगे पर नहीं छोड़ेंगे ये डगर तो चलते रहेंगे हम आगे बढ़...
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सोमवार, 14 सितंबर 2020