सोमवार, 9 मई 2016
रविवार, 1 मई 2016
पेट की खातिर
कविता रावत
मई 01, 2016
कुछ लोग भले ही शौक के लिए गाते हों, लेकिन बहुत से लोग पेट की खातिर दुनिया भर में गाते फिरते हैं। ऐसे ही एक दिन दुर्गेलाल और उसका भाई ...
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सोमवार, 4 अप्रैल 2016
भारत में अंग्रेजी परस्तों की साजिश
कविता रावत
अप्रैल 04, 2016
हमारा देश लगभग 1000 वर्ष तक विदेशियों का गुलाम रहा है। भारत को गुलाम बनाने में विदेशियों से कहीं अधिक भारतीय लोगों का भी हाथ रहा...
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शुक्रवार, 11 मार्च 2016
आवाजों को नजरअंदाज न करें
कविता रावत
मार्च 11, 2016
हमारे शरीर में नाक से लेकर घुटनों तक समय-समय पर कुछ आवाजें आती हैं। ये आवाजें शरीर का हाल बयां करती हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें। इस बारे ...
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मंगलवार, 1 मार्च 2016
परीक्षा का भूत
कविता रावत
मार्च 01, 2016
इन दिनों बच्चों की परीक्षा हो रही है, जिसके कारण घर में एक अधोषित कर्फ्यू लगा हुआ है। बच्चे खेल-खिलौने, टी.वी., कम्प्यूटर, म...
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सोमवार, 25 जनवरी 2016
हम भाँति-भाँति के पंछी हैं
कविता रावत
जनवरी 25, 2016
हम भाँति-भाँति के पंछी हैं पर बाग़ तो एक हमारा है वो बाग़ है हिन्दोस्तान हमें जो प्राणों से भी प्यारा है हम हम भाँति-भाँति के पंछी ……………...
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शनिवार, 9 जनवरी 2016
शक्ति और शिक्षा पर विवेकानन्द का चिंतन
कविता रावत
जनवरी 09, 2016
शारीरिक दुर्बलता : महान् उपनिषदों का ज्ञान होते हुए भी तथा अन्य जातियों की तुलना में हमारी गौरवपूर्व संत परम्पराओं का सबल होते हुए...
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गुरुवार, 31 दिसंबर 2015
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015
उद्यम से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है
कविता रावत
दिसंबर 18, 2015
सोए हुए भेड़िए के मुँह में मेमने अपने आप नहीं चले जाते हैं। भुने हुए कबूतर हवा में उड़ते हुए नहीं पाए जाते हैं।। सोई लो...
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गुरुवार, 10 दिसंबर 2015
सोमवार, 7 दिसंबर 2015
गुरुवार, 3 दिसंबर 2015
भोपाल गैस त्रासदी: मैं ही नहीं अकेली दुखियारी
कविता रावत
दिसंबर 03, 2015
अब तक 15 हज़ार से भी अधिक लोगों को मौत के आगोश में सुला देने वाली विश्व की सबसे बड़ी औधोगिक त्रासदी की आज 31वीं बरसी है। आज भी जब मौत के ...
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सोमवार, 30 नवंबर 2015
क्या है तेरे दिल का हाल रे
कविता रावत
नवंबर 30, 2015
मिला तेरा प्यारा भरा साथ हुआ है मेरा दिल निहाल रे आकर पास तू भी बता जरा क्या है तेरे दिल का हाल रे मिला प्यारा हमसफ़र जिंदगी का...
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शनिवार, 7 नवंबर 2015
अपना अपना दीपावली उपहार
कविता रावत
नवंबर 07, 2015
ये जो तंग गली सड़क किनारे बिखरा शहर की बहुमंजिला इमारतों घरों से सालभर का जमा कबाड़ बाहर निकल आया उत्सवी रंगत में उसकी आहट से कुछ...
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शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2015
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015
गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है
कविता रावत
अक्टूबर 13, 2015
हिन्दू साहित्य में गाय- प्राचीनकाल से ही भारत के जनमानस में गाय के प्रति सर्वोच्च श्रद्धा भाव रहा है। उसे राष्ट्र की महान धरोहर, लौकिक ...
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बुधवार, 7 अक्टूबर 2015
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है
कविता रावत
अक्टूबर 07, 2015
दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
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सोमवार, 14 सितंबर 2015
हिन्दी दिवस हिन्दी का पर्व है
कविता रावत
सितंबर 14, 2015
प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 10 सितंबर 2015
शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है
कविता रावत
अगस्त 28, 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है । देखो राखी का आया त्यौहार है । । सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की...
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सोमवार, 10 अगस्त 2015
उद्यानिकी स्वर्ण क्रान्ति अभियान
कविता रावत
अगस्त 10, 2015
हमारा भोपाल शहर बहुत खूबसूरत है और अब इस खूबसूरती को घर-घर तक पहुंचाकर उस पर चार चांद लगाने का शुभारम्भ गुलाब उद्यान भोपाल द्वारा गार...
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।