Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2024

दीपावली का आरोग्य चिन्तन। Deepawali

अक्टूबर 25, 2024 30
दीपावली जन-मन की प्रसन्नता, हर्षोल्लास एवं श्री-सम्पन्नता की कामना के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक की अमावस्या की काली रात्...
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बुधवार, 23 अक्टूबर 2024

कितनी मासूम है दादी मां

अक्टूबर 23, 2024 0
कितनी मासूम है दादी मां खुद को सुनाई नहीं देता फिर भी सुनाने बैठ जाती है अक्सर ये जानते हुए भी कि अब नहीं कोई उनकी सुनने वाला फिर भी जब तब स...
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सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

न मरना आसान रहता है और न जीना ही सरल होता है

अक्टूबर 14, 2024 38
जिंदगी को क्या कहूँ? अतीत का खंडहर या फिर भविष्य की कल्पना! भविष्य की आशा में अटका-लटका आदमी दिन-रात खटता रहता  अंतहीन भागम-भाग में  एक...
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शनिवार, 12 अक्टूबर 2024

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

गणेशोत्सव सामाजिक एकाकार का उत्सव है. Ganesh Chaturthi

सितंबर 06, 2024 33
          हमारी भारतीय संस्कृति अध्यात्मवादी है, तभी तो उसका श्रोत कभी सूख नहीं पाता है। वह निरन्तर अलख जगाकर विपरीत परिस्थितियों को भी...
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बुधवार, 4 सितंबर 2024

सोमवार, 2 सितंबर 2024

शनिवार, 31 अगस्त 2024

यूँ ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटता । Yun Hi Achanak Kahin Kuchh Nahin Ghatta। Hindi Kavita

अगस्त 31, 2024 52
यूँ ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटता अन्दर ही अन्दर कुछ रहा है रिसता किसे फुरसत कि देखे फ़ुरसत से जरा कहाँ उथला कहाँ राज है बहुत गहरा बेवजह...
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