मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015
मंगलवार, 13 अक्तूबर 2015
गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है
कविता रावत
अक्तूबर 13, 2015
हिन्दू साहित्य में गाय- प्राचीनकाल से ही भारत के जनमानस में गाय के प्रति सर्वोच्च श्रद्धा भाव रहा है। उसे राष्ट्र की महान धरोहर, लौकिक ...
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बुधवार, 7 अक्तूबर 2015
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है
कविता रावत
अक्तूबर 07, 2015
दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
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शुक्रवार, 18 सितंबर 2015
श्री गणेश जन्मोत्सव
कविता रावत
सितंबर 18, 2015
उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता की अनूठी पहचान कराते हैं। रक्षाबन्धन के साथ ही त्यौहारों का सिलसिला शुरू ...
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सोमवार, 14 सितंबर 2015
हिन्दी दिवस हिन्दी का पर्व है
कविता रावत
सितंबर 14, 2015
प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 10 सितंबर 2015
शुक्रवार, 4 सितंबर 2015
5 सितम्बर - शिक्षक दिवस
कविता रावत
सितंबर 04, 2015
शिक्षकों द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्यों का मूल्यांकन कर उन्हें सम्मानित करने का दिन है ‘शिक्षक दिवस‘। छात्र-छात्राओं के प्र...
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शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है
कविता रावत
अगस्त 28, 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है । देखो राखी का आया त्यौहार है । । सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की...
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सोमवार, 10 अगस्त 2015
उद्यानिकी स्वर्ण क्रान्ति अभियान
कविता रावत
अगस्त 10, 2015
हमारा भोपाल शहर बहुत खूबसूरत है और अब इस खूबसूरती को घर-घर तक पहुंचाकर उस पर चार चांद लगाने का शुभारम्भ गुलाब उद्यान भोपाल द्वारा गार...
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शनिवार, 25 जुलाई 2015
व्यापमं और डीमेट घोटाले का डरावना सच
कविता रावत
जुलाई 25, 2015
वर्ष 2009 में जब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एमपी नगर थाने में व्यापमं ने बुंदेलखंड सागर मेडिकल काॅलेज से प्राप्त प्रतिवेदन के आधा...
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मंगलवार, 14 जुलाई 2015
वर्षा ऋतु में स्वस्थ रहने के जरुरी सबक
कविता रावत
जुलाई 14, 2015
वर्षा ऋतु को ‘चौमासा‘ कहा जाता है। आयुर्वेदज्ञों ने इस ऋतु में स्वास्थ्य रक्षा के लिए 'ऋतुचर्या' के कुछ नियम बनाये हैं। उनका पा...
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बुधवार, 1 जुलाई 2015
पहाड़ी वादियों में
कविता रावत
जुलाई 01, 2015
शहर के आपाधापी के बीच जब भी गर्मियों में बच्चों को ग्रीष्मावकाश मिलता है तो सांय-सांय करती लू के थपेड़ों, ऊपर से भगवान भास्कर का प्रचंड ...
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मंगलवार, 2 जून 2015
जल प्रदूषण पर चिंतन
कविता रावत
जून 02, 2015
आज पूरा विश्व पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। जहाँ तक पीने के स्वच्छ पानी का सवाल है, तो बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वा...
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सोमवार, 18 मई 2015
सच और झूठ का सम्बन्ध
कविता रावत
मई 18, 2015
झूठ सौ पर्दों में छिपकर भी सच का सामना नहीं कर सकता है। सच बनाव- श्रृंगार नहीं, वह तो नग्न रहना पसन्द करता है।। जो किसी के हित में झूठ बोले...
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रविवार, 10 मई 2015
Happy Mothers Day
कविता रावत
मई 10, 2015
नन्हें हाथों का प्यारा उपहार । छुपा है जिसमें माँ का प्यार । । आज मेरे बेटे ने मुझे यह प्यारी ग्रीटिंग बनाकर दी .. ..... .कवित...
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गुरुवार, 7 मई 2015
सोमवार, 20 अप्रैल 2015
भगवान परशुराम
कविता रावत
अप्रैल 20, 2015
बचपन में हम रामलीला देखने के लिए बड़े उत्सुक रहते थे। जब-जब जहाँ-कहीं भी रामलीला के बारे में सुनते वहाँ पहुंचते देर नहीं लगती। रामलीला म...
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सोमवार, 16 मार्च 2015
मानव के लिए आत्मसम्मान की रोटी जरुरी
कविता रावत
मार्च 16, 2015
एक बूढ़े कोढ़ी, लंगड़े को देखकर भला कौन काम देता। लेकिन पेट की आग जो लगातार धधकती रहती है, उसे बुझाने के लिए दो वक्त की रोटी तो जरूरी है...
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बुधवार, 25 फ़रवरी 2015
परीक्षा के दिन
कविता रावत
फ़रवरी 25, 2015
इन दिनों बच्चों की परीक्षा से ज्यादा अपनी परीक्षा चल रही है। घर पर परीक्षा का भूत सवार हो रखा है, जिसने पूरे परिवार की रातों की नींद, दि...
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मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।