Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

सोमवार, 24 जनवरी 2022

समीक्षा - कविता रावत का रचना संसार

जनवरी 24, 2022
समीक्षक : ब्लॉगर रवि रतलामी  समीक्ष्य कृतियाँ - 1 - होठों पर तैरती मुस्कान 2 - लोक उक्ति में कविता 3 - कुछ भूली-बिसरी यादें 4 - कुछ खट्टे-मी...
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बुधवार, 5 जनवरी 2022

पुस्तक प्रकाशन और समीक्षा

जनवरी 05, 2022
हर कोई लिखने वाला दिल से चाहेगा कि यदि उसका लिखा एक पुस्तक के स्वरुप में उसके सामने आ जाय तो वह पल उसके लिए कितना बड़ा सुखकर होगा!  लेकिन यह ...
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शनिवार, 1 जनवरी 2022

ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन

जनवरी 01, 2022
मरुस्थली अन्तःस्थल में भरें संवेदना सहयोग, त्याग, उदारता से भरे मन परस्पर विरोध-विग्रह दूर हों सभी के कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन बीज सा गलकर...
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रविवार, 19 दिसंबर 2021

ढपली और झुनझुने का गणित | हिन्‍दी कहानी |

दिसंबर 19, 2021
गर्मियों के दिन थे। सुबह-सुबह सेठ जी अपने बगीचे में घूमते-घामते ताजी-ताजी हवा का आनन्द उठा रहा थे। फल-फूलों से भरा बगीचा माली की मेहनत की रं...
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मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता है

अक्तूबर 26, 2021
आदमी काम से नहीं चिन्ता से जल्दी मरता है  गधा दूसरों की चिन्ता से अपनी जान गंवाता है धन-सम्पदा चिन्ता और भय अपने साथ लाती है  धीरे-धीरे कई च...
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सोमवार, 20 सितंबर 2021

माटी की मूरत

सितंबर 20, 2021
गीली सी मिट्टी से भर के अपनी मुट्ठी  सोचा मैंने बनाऊँ माटी की मूरत ऐसी  डूबूँ जिसको ढ़ालते-बनाते मैं ऐसे कि  दिखे मुझे वह सपनों की दुनिया जैस...
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मंगलवार, 14 सितंबर 2021

महोत्सव है हिन्दी दिवस

सितंबर 14, 2021
     लो फिर आ गया एक पर्व की तरह हमारा हिन्दी का महोत्सव। हर वर्ष की भांति 14 सितम्बर को हिन्दी चेतना जागृत करने, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
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गुरुवार, 9 सितंबर 2021

गुरुवार, 2 सितंबर 2021

बहुत लोगों को डराकर रखने वाला भी बहुत लोगों से डरता है

सितंबर 02, 2021
बुरे संग प्रार्थना करने से भले लोगों संग मिलकर डाका डालना भला सुन्दर वस्त्र पहनकर नरक जाने से चिथड़े पहनकर स्वर्ग जाना भला बेडौल लोहे को हथौड़...
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रविवार, 8 अगस्त 2021

हरियाली अमावस्या और वृक्षारोपण

अगस्त 08, 2021
  आज हरियाली अमावस्या है। हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहते हैं। इ...
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रविवार, 25 जुलाई 2021

भले लोग भेड़ जैसे जो किसी को हानि नहीं पहुँचाते हैं

जुलाई 25, 2021
बह चुके पानी से कभी चक्की नहीं चलाई जा सकती है लोहे से कई ज्यादा सोने की जंजीरें मजबूत होती है चांदी के एक तीर से पत्थर में भी छेद हो सकता ह...
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शुक्रवार, 21 मई 2021

कोरोना में घर-परिवार और हाॅस्पिटल का संसार

मई 21, 2021
कोरोना की मार झेलकर 10 दिन बाद हाॅस्पिटल से घर पहुंचा तो एक पल को ऐसे लगा जैसे मैंने दूसरी दुनिया में कदम रख लिए हों। गाड़ी से सारा सामान खुद...
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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है

अप्रैल 23, 2021
ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो दुःख और रोग से अछूता रहता है  थोड़ी देर का सुख बहुत लम्बे समय का पश्चाताप होता है  एक बार कोई अवसर हाथ से निकला तो वाप...
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सोमवार, 29 मार्च 2021

अबकी बार होली में कोरोना ने है पकड़ा

मार्च 29, 2021
अबकी बार होली में  कोरोना ने है पकड़ा चुराकर सब रंग मेरे अपने रंग में है जकड़ा गले में ठूसी जा रही हैं रंग बिरंगी गोलियां मुंह बांधे उड़ी...
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रविवार, 21 मार्च 2021

मतलबी दुनिया में एक दिन सबका आता है

मार्च 21, 2021
 न लालच, गुस्सा न शिकायत  एक समभाव वाला जीव वह भारी मेहनत करने के बाद भी रूखा, सूखा खाकर खुश रहता है  दुनिया भर का अत्याचार सहता है  जुग-जुग...
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सोमवार, 8 मार्च 2021

अब आने वाला युग महिलाओं के नाम

मार्च 08, 2021
मुझे याद है जब हम बहुत छोटे थे तो हमारे घर- परिवार की तरह ही गांव से कई लोग रोजी-रोटी की खोज में शहर आकर धीरे-धीरे बसते चलते गए। शहर आकर किस...
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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

दो घरों की चिराग होती हैं बेटियाँ

फ़रवरी 20, 2021
चिरकाल से लड़कों को घर का चिराग माना जाता है, लेकिन मैं समझती हूँ कि यदि उन्हें घर का चिराग माना जाता है तो मेरे समझ से वे केवल एक घर के ही ह...
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