Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं को अपने पारिवारिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ कुछ सामाजिक दायित्व को समझते हुए सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का स्वागत है। आप जो भी कहना चाहें बेहिचक लिखें, ताकि मैं अपने प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर बनी रह सकूँ|

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

मंगलवार, 25 सितंबर 2012

गुरुवार, 13 सितंबर 2012

अपनों के बीच बेगानी हिन्दी

सितंबर 13, 2012
हर बर्ष १४ सितम्बर को देशभर में हिंदी दिवस एक बहुत बड़े पर्व की भांति सरकारी-गैर सरकारी और बड़े उद्योगों का मुख्य केंद्र बिंदु बनकर सप्ता...
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रविवार, 26 अगस्त 2012

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

रविवार, 29 जुलाई 2012

बदलती परिस्थितियाँ और रक्षाबन्धन

जुलाई 29, 2012
कहा जाता है किसी देश की संस्कृति उसका हृदय व मस्तिष्क दोनों ही होती हैं ।   जनमानस प्रसन्नता और खुश होकर आनंदपूर्वक जीवन यापन कर सके, यही...
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रविवार, 3 जून 2012

साईं बाबा के शिर्डीधाम में

जून 03, 2012
गर्मियों की छुट्टियाँ लगते ही बच्चे किताब-कापी बस्ते में बंद कर एक कोने में ऐसे पटक देते हैं जैसे कोई पुराना कबाड़ हो और फिर दुनिया भर क...
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रविवार, 20 मई 2012

शुक्रवार, 11 मई 2012

रविवार, 15 अप्रैल 2012

गुरुवार, 15 मार्च 2012

दूसरों के मामले में समझदार बनना आसान होता है!

मार्च 15, 2012
सत्ता के सामने कभी सयानापन नहीं चलता है  जिसके हाथ बाजी उसकी बात में दम होता है कोई जंजीर सबसे कमजोर कड़ी से ज्यादा मजबूत नहीं होती है...
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बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

कई बार गुजरना पड़ता है परीक्षा से

फ़रवरी 22, 2012
परीक्षा कैसी भी हो और किसी की भी हो, परीक्षा परीक्षा होती है । यह परीक्षा के दिन अन्य दिन के मुकाबले किस तरह भारी पड़ते हैं, यह वही अच्छ...
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बुधवार, 18 जनवरी 2012