बहानेबाजों के पास कभी बहानों की कमी नहीं रहती है
कविता रावत
दिसंबर 13, 2024
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अनाड़ी कारीगर अपने औजारों में दोष निकालता है। पकाने का सलीका नहीं जिसे वह देगची का कसूर बताता है।। कातना न जाने जो वह चर्खे को दुत्कारने ...
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