Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

रविवार, 26 सितंबर 2010

अपनेपन की भूल

सितंबर 26, 2010
जिन्हें हम अपना समझते हैं गर आँखों में उनकी झाँककर देखते हैं तो दिखता क्यों नहीं हरदम आँखों में उनके पहला सा प्यार? एक पल तो सब अपने से...
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शनिवार, 18 सितंबर 2010

शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

गणेशोत्सव : सबको भाता गणपति बप्पा

सितंबर 10, 2010
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू १० दिवसीय ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के प्रथम पूज्य देव गणेश जी के जन्मोत्सव का बड़ों को ह...
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शनिवार, 4 सितंबर 2010

कौन हो तुम

सितंबर 04, 2010
कौन हो तुम! पहले पहल प्यार करने वाली शीत लहर सी सप्तरंगी सपनों का ताना-बाना बुनती चमकती चपला सी शरद की चांदनी सी गुलाब की पंखुड़ियों...
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रविवार, 15 अगस्त 2010

बचपन के स्वत्रंत्रता दिवस का वह एक दिन

अगस्त 15, 2010
शहर की महज औपचारिक दिशा की और निरंतर अग्रसर होती स्वत्रंत्रता दिवस की एक दिवसीय चकाचौध के बीच बचपन में गाँव के स्कूल में मनाये जाने वाले...
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रविवार, 8 अगस्त 2010

रविवार, 1 अगस्त 2010

शुक्रवार, 2 जुलाई 2010

सोमवार, 7 जून 2010

मंगलवार, 1 जून 2010

शनिवार, 15 मई 2010

शनिवार, 8 मई 2010

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2010

मत भरो शूलों से दामन अपना

अप्रैल 23, 2010
कभी वक्त ने करके मजबूर जिन्हें कर दिया जुदा गुजरे पलों को जिसने ख़ामोशी से दिल में सहेज लिया उनसे ही सीखा सबक प्यार का दुनिया वालों ने जि...
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शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010