शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2015
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2015
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015
गाय भारतीय जीवन का अभिन्न अंग है
कविता रावत
अक्टूबर 13, 2015
18
हिन्दू साहित्य में गाय- प्राचीनकाल से ही भारत के जनमानस में गाय के प्रति सर्वोच्च श्रद्धा भाव रहा है। उसे राष्ट्र की महान धरोहर, लौकिक ...
और पढ़ें>>
बुधवार, 7 अक्टूबर 2015
दो घरों का मेहमान भूखा मरता है
कविता रावत
अक्टूबर 07, 2015
22
दो नावों पर पैर रखने वाला मझधार में डूबता है। दो घरों का मेहमान भूखा मरता है।। दुविधा में प्रायः अवसर हाथ से निकल जाता है। बहुत ...
और पढ़ें>>
सोमवार, 14 सितंबर 2015
हिन्दी दिवस हिन्दी का पर्व है
कविता रावत
सितंबर 14, 2015
20
प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाये जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव, उसके प्रति निष्ठा व्यक्त क...
और पढ़ें>>
गुरुवार, 10 सितंबर 2015
शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है
कविता रावत
अगस्त 28, 2015
15
कच्चे धागों में बहनों का प्यार है । देखो राखी का आया त्यौहार है । । सभी को राष्ट्रव्यापी पारिवारिक पर्व रक्षाबंधन की...
और पढ़ें>>
सोमवार, 10 अगस्त 2015
उद्यानिकी स्वर्ण क्रान्ति अभियान
कविता रावत
अगस्त 10, 2015
14
हमारा भोपाल शहर बहुत खूबसूरत है और अब इस खूबसूरती को घर-घर तक पहुंचाकर उस पर चार चांद लगाने का शुभारम्भ गुलाब उद्यान भोपाल द्वारा गार...
और पढ़ें>>
लेबल:
उद्यान महोत्सव,
गार्डन एट काॅल,
पुष्प महोत्सव,
लेख
शनिवार, 25 जुलाई 2015
व्यापमं और डीमेट घोटाले का डरावना सच
कविता रावत
जुलाई 25, 2015
18
वर्ष 2009 में जब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एमपी नगर थाने में व्यापमं ने बुंदेलखंड सागर मेडिकल काॅलेज से प्राप्त प्रतिवेदन के आधा...
और पढ़ें>>
बुधवार, 1 जुलाई 2015
पहाड़ी वादियों में
कविता रावत
जुलाई 01, 2015
36
शहर के आपाधापी के बीच जब भी गर्मियों में बच्चों को ग्रीष्मावकाश मिलता है तो सांय-सांय करती लू के थपेड़ों, ऊपर से भगवान भास्कर का प्रचंड ...
और पढ़ें>>
मंगलवार, 2 जून 2015
जल प्रदूषण पर चिंतन
कविता रावत
जून 02, 2015
28
आज पूरा विश्व पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। जहाँ तक पीने के स्वच्छ पानी का सवाल है, तो बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वा...
और पढ़ें>>
रविवार, 10 मई 2015
नन्हें हाथों का प्यारा उपहार, जिसमें छुपा है माँ का प्यार
कविता रावत
मई 10, 2015
12
नन्हें हाथों का प्यारा उपहार । छुपा है जिसमें माँ का प्यार । । आज मेरे बेटे ने मुझे यह प्यारी ग्रीटिंग बनाकर दी .. ..... .कवित...
और पढ़ें>>
सोमवार, 16 मार्च 2015
मानव के लिए आत्मसम्मान की रोटी जरुरी
कविता रावत
मार्च 16, 2015
22
एक बूढ़े कोढ़ी, लंगड़े को देखकर भला कौन काम देता। लेकिन पेट की आग जो लगातार धधकती रहती है, उसे बुझाने के लिए दो वक्त की रोटी तो जरूरी है...
और पढ़ें>>
बुधवार, 25 फ़रवरी 2015
परीक्षा के दिन
कविता रावत
फ़रवरी 25, 2015
29
इन दिनों बच्चों की परीक्षा से ज्यादा अपनी परीक्षा चल रही है। घर पर परीक्षा का भूत सवार हो रखा है, जिसने पूरे परिवार की रातों की नींद, दि...
और पढ़ें>>
गुरुवार, 5 फ़रवरी 2015
मेरा मतदान दिवस
कविता रावत
फ़रवरी 05, 2015
41
हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के साथ ही वर्ष भर धार्मिक पर्व, त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाये ज...
और पढ़ें>>
सोमवार, 2 फ़रवरी 2015
संवेदनाओं का सामाजिक मंच : ब्लॉग चर्चा
कविता रावत
फ़रवरी 02, 2015
20
31 जनवरी 2015 को समाचार पत्र पत्रिका के साप्ताहिक परिशिष्ट me.next के नियमित स्तंभ web blog में मेरे ब्लॉग के बारे में लिखा था, जिसे इस...
और पढ़ें>>
सोमवार, 26 जनवरी 2015
अन्धेरी राहों का चिराग (भाग-दो)
कविता रावत
जनवरी 26, 2015
25
समय बीतता गया। रमा परिस्थितियों के अनुकूल ढल गई। इसी आस में सब कुछ सहन करती रही कि एक दिन उसके दिन फिरेंगे। जब उसका बेटा बड़ा हुआ तो घर ...
और पढ़ें>>
मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।