Kavita Rawat Blog, Kahani, Kavita, Lekh, Yatra vritant, Sansmaran, Bacchon ka Kona
ब्लॉग के माध्यम से मेरा प्रयास है कि मैं अपनी कविता, कहानी, गीत, गजल, लेख, यात्रा संस्मरण और संस्मरण द्वारा अपने विचारों व भावनाओं को अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निर्वहन के साथ-साथ सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से लिपिबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ। इसके लिए आपके सुझाव, आलोचना, समालोचना आदि का हार्दिक स्वागत है।

शनिवार, 11 जनवरी 2025

गुरुवार, 9 जनवरी 2025

बुधवार, 8 जनवरी 2025

कायर अपनी मौत से पहले कई बार मरते हैं

जनवरी 08, 2025 18
बिना साहस कोई ऊँचा पद प्राप्त नहीं कर पाता है। निराश होने पर कायर में भी साहस आ जाता है।। मुर्गा अपने दड़बे पर बड़ा दिलेर होता है। कुत्ता...
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सोमवार, 6 जनवरी 2025

आखिर वृद्धाश्रम की आवश्‍यकता क्‍यों?

जनवरी 06, 2025 0
        कभी स्कूल में हमने चार आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास के बारे में पढ़ा था। तब हमें पता नहीं था कि समय के साथ इन आश्रम...
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शनिवार, 4 जनवरी 2025

Digital Life और नशेबाज

जनवरी 04, 2025 0
डिजिटल का जमाना आया तो दफ्तर में उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने के स्थान पर अंगूठा या थोबड़ा दिखाकर हाजिरी लगनी क्या शुरू हुई कि समय पर ऑफि...
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गुरुवार, 2 जनवरी 2025

Pizza Burger और Chowmein , पेट के दुश्मन हैं तीन | Science and Craft Exhibition in School

जनवरी 02, 2025 30
घर से सीधे दफ्तर और दफ्तर से सीधे घर की भागमभाग। इस उलझती-सुलझती दोहरी भूमिका के साथ जब बच्चों की साफ-सफाई, खिलाने-पिलाने के अतिरिक्त प...
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हाथ में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है।

जनवरी 02, 2025 44
हाथ  में सब्र की कमान हो तो तीर निशाने पर लगता है। आराम-आराम से चलने वाला सही सलामत घर पहुँचता है।। एक-एक पायदान चढ़ने वाले पूरी सीढ़ी चढ...
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सोमवार, 30 दिसंबर 2024

कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन। New Year poem

दिसंबर 30, 2024 29
आपस में कोई बैर भाव न रहे न रहे कोई जात-पात का बंधन हर घर आँगन में बनी रहे खुशहाली कुछ ऐसा हो नूतनवर्षाभिनंदन तोड़कर नफरत भरी सब दीव...
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रविवार, 29 दिसंबर 2024

अभी बात उसकी अधूरी है

दिसंबर 29, 2024 0
आज रविवार है यानि छुट्टी का दिन, कामकाजी महिलाओं के लिए दफ्तर को भुलाकर देर तक सुख स्वप्नों में विचरण करते रहने का दिन। इसलिए आज दैनिक दिनचर...
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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

सब कहे बहू हो तो शैलू की जैसी

दिसंबर 27, 2024 0
एक बेचारा 1760 काम का मारा इधर-उधर मारा-मारा फिरता है कोई तो ढूंढों एक सयानी बहू अक्सर यही कहता रहता है इस शहर से उस गांव तक इसको देखा उसको ...
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मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

सोमवार, 23 दिसंबर 2024

मामूली दुश्मन हो या घाव उसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए

दिसंबर 23, 2024 14
मामूली दुश्मन हो या घाव उसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए दुश्मन अगर चींटीं भी हो तो उसे हाथी समझना चाहिए भेड़िये की मौत पर भेड़ अपनी खैर मनात...
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रविवार, 22 दिसंबर 2024

दुश्मन के ख़ेमे में फूट पड़े तो उसकी हार निश्चित होती है

दिसंबर 22, 2024 16
कलाल की दुकान पर पानी पीओ तो शराब का गुमान होता है  फूलों के कारण माला का धागा भी पावन हो जाता है  अच्छा पड़ोसी मूल्यवान वस्तु से कम नहीं होत...
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शनिवार, 21 दिसंबर 2024

रविवार, 15 दिसंबर 2024

कहानी इल्लू, टिल्लू और ढिल्लू की

दिसंबर 15, 2024 10
हमारा परिवार प्रकृति प्रेमी तो है ही साथ में पशु-पक्षी प्रेमी भी है। यह बात हमारे अड़ोसी-पड़ोसी ही नहीं बल्कि जान-पहचान और रिश्तेदार भी भलीभां...
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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2024

बुधवार, 11 दिसंबर 2024

सोमवार, 9 दिसंबर 2024

सोमवार, 2 दिसंबर 2024

त्रासदी के कड़ियां | भोपाल गैस कांड |

दिसंबर 02, 2024 27
देखते-देखते भोपाल गैस त्रासदी के 39 बरस बीत गए।हर वर्ष तीन दिसंबर गुजर जाता है और उस दिन मन में कई सवाल उठते हैं, जो अनुत्तरित रह जाते है...
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बुधवार, 27 नवंबर 2024

देश के जयचंदों को चुन चुन मार भगाना होगा

नवंबर 27, 2024 5
कटुता कपट सहेजे मन में मुख पर मीठे बोल यहां। घृणा द्वेष ने ओढ़ रखा है अपनेपन का खोल यहां।। बिकते देखी है नैतिकता दो कौड़ी के मोल यहां। बनी व...
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शनिवार, 23 नवंबर 2024

चल रही गाड़ी बैशाखियों के सहारे

नवंबर 23, 2024 0
जिसे कहते हैं फर्ज या रिश्ते निभाना आजकल यह सब आखिर कौन निभा रहा है देखो तो जरा अपने आस पास बस ढोह रहे हैं एक दूसरे को चल रही गाड़ी बैशाखियो...
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मंगलवार, 19 नवंबर 2024

सोमवार, 18 नवंबर 2024

पर लगाकर जो उड़ना चाहे आसमां में वह जमीं पर भला कैसे चल सकता है

नवंबर 18, 2024 18
कपोल कल्पित कल्पना में जीने वाले हकीकत का सामना करने से डरते हैं जो हौंसला रखते सागर पार करने की वह कभी नदियों में नहीं डूबा करते हैं ऊंचाईय...
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रविवार, 17 नवंबर 2024

लाख बहाने पास हमारे we have million excuses। हिन्दी गीत

नवंबर 17, 2024 2
लाख बहाने पास हमारे कैसा फैला झूठा रोग जितने रंग बदलता गिरगिट उतने रंग बदलते लोग नहीं पता कब किसको किसके आगे रोना-झुकना रंग बदलती दुनिया में...
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रविवार, 10 नवंबर 2024

गुरुवार, 7 नवंबर 2024

सोमवार, 4 नवंबर 2024

घर को तेरा इंतजार है, सारा घर बीमार है।

नवंबर 04, 2024 88
एक बार आकर देख जा बेटे घर को तेरा इन्तजार है घर सारा बीमार है. बाप के तेरे खांस-खांस कर हुआ बुरा हाल है छूटी लाठी , पकड़ी खटिया ...
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गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024